दिल का खंडहर

दिल का खंडहर

यादों के कुछ जाले हैं
कुछ धुंधली गर्त पड़ी तस्वीरें हैं
कुछ जर्द खड़ी सी दीवारें और खाली पड़े से कोने हैं
मेरे दिल के चंद खजाने हैं, जो तुमको आज दिखाने हैं।

अब बरसों वहां कोई जाता नही
दरवाजे पर एक जंग लगा सा ताला है
चाभी गुम है, नही कोई रहने वाला है
वैसे भी खंडहर में कौन रहना चाहेगा
किसको इतनी फुरसत है जो फिर से इसे बसाएगा।

कोई हमदम कोई दोस्त आए, प्यार से खटखटाए
तो बरसों के जर्जर दरवाजे खुल भी सकते हैं
तुम कभी आना, एक सेल्फी ले के चले जाना
और हां दीवार पे अपना नाम लिखना न भूलना
खंडहर देखने का शौक तो सबको है
पर बसना कौन चाहेगा, वीराने को अपना कौन बनाएगा।।

आभार – नवीन पहल – २०.०२.२०२२ 🙏🙏👍🌹

# प्रतियोगिता हेतु


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3 Comments

Niraj Pandey

21-Feb-2022 09:48 AM

बहुत खूब

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Punam verma

21-Feb-2022 09:16 AM

Very nice

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Gunjan Kamal

20-Feb-2022 10:50 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌

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